Edited By Smita Sharma, Updated: 13 Aug, 2025 12:48 PM

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आदेश दिया कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सभी आवारा कुत्तों को आठ हफ्तों के भीतर पकड़कर नगर निगम अधिकारियों द्वारा स्थापित शेल्टर्स में रखा जाए। अदालत ने स्पष्ट किया कि एक बार कुत्ते को पकड़ लेने के बाद उसे वापस...
मुंबई: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आदेश दिया कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सभी आवारा कुत्तों को आठ हफ्तों के भीतर पकड़कर नगर निगम अधिकारियों द्वारा स्थापित शेल्टर्स में रखा जाए। अदालत ने स्पष्ट किया कि एक बार कुत्ते को पकड़ लेने के बाद उसे वापस सड़कों पर नहीं छोड़ा जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद रूपाली गांगुली ने अपने एक्स हैंडल पर इसके बारे में पोस्ट किया।उनके ऐसे करते ही एक यूजर ने उनकी कड़ी आलोचना की। यूजर ने रूपाली से आवारा कुत्तों की वकालत न करने को कहा और उन पर 'चिकन, मटन, बीफ, मछली' खाने का आरोप लगाया।

सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, 'जब आप चिकन, मटन, बीफ, मछली आदि खाते हैं तो आप #आवारा कुत्तों की वकालत नहीं कर सकते। जानवरों के प्रति प्रेम सभी जानवरों पर लागू होता है। जब आपके घर में उच्च नस्ल के कुत्ते हों तो आप आवारा कुत्तों की वकालत नहीं कर सकते। और बाकी जो आवारा कुत्तों के लिए बोल रहे हैं वे रोजाना शेल्टर होम जाएं और उन्हें खाना खिलाएं, अच्छी देखभाल करें या आप वहां रह भी सकते हैं, कोई आपको नहीं रोकेगा।

या फिर पैसे जुटाएं और उनके लिए आश्रय गृह बनाएं या 10 आवारा कुत्तों को गोद लें और दूसरों से भी ऐसा करने को कहें, उन परिवारों से मिलें जिन्होंने रेबीज के कारण अपने लोगों को खो दिया है, नियमित रूप से समाचार देखें और देखें कि रोजाना कितने कुत्ते काटते हैं या कम से कम आप अपने परिवार के सदस्यों को रेबीज होने का इंतजार कर सकते हैं। तब आप भौंकेंगे नहीं।'

वहीं इस पोस्ट पर पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए रूपाली गांगुली ने स्पष्ट किया कि वह शाकाहारी हैं।रूपाली ने लिखा, 'मैं रोजाना बेघर जानवरों को खाना खिलाती हूं... मैं जिन भी जानवरों को खाना खिलाती हूं, उनका नियमित रूप से टीकाकरण और नसबंदी की जाती है... मैं शेल्टर होम्स और गौशालाओं का समर्थन करती हूं... न केवल अपने शहर में, बल्कि पूरे भारत में... मुझे गर्व है कि मैं शाकाहारी हूं... और मैं बेघर बच्चों का समर्थन करती हूं... मेरे घर में एक भी उच्च नस्ल का कुत्ता नहीं है बल्कि चार फ्री नस्ल के कुत्ते हैं... मेरा बच्चा बचपन से ही तथाकथित आवारा जानवरों के साथ रहा है और यहां तक कि एक जानवर ने भी उसकी रक्षा की है। वे प्यार और दया को समझते हैं, जिसे इंसान नहीं समझ पाते। यह धरती सबकी है।'
इससे पहले अनुपमा स्टार ने अपने एक्स हैंडल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना करते हुए एक लंबा नोट लिखा।