Edited By Jyotsna Rawat, Updated: 02 Jul, 2024 05:07 PM
टोरंटो फिल्म फेस्टिवल में अपना परचम लहराने के बाद सत्य घटना से प्रेरित, थ्रिल और एक्शन से भरी फिल्म 'किल' 05 जुलाई को सिनेमाघरों में रीलीज हो रही है।
फिल्म : किल (kill)
स्टारकास्ट : लक्ष्य (Lakshya) , राघव जुआल (Raghav Juyal ), तान्या मानिकतला (Tanya Maniktala), आशीष विद्यार्थी (Ashish Vidyarthi) और हर्ष छाया
कहानी और निर्देशक : निखिल नागेश भट्ट (Nikhil Nagesh Bhat )
निर्माता : करण जौहर (karan johar)
रेटिंग : 3.5
Kill Review: टोरंटो फिल्म फेस्टिवल में अपना परचम लहराने के बाद सत्य घटना से प्रेरित, थ्रिल और एक्शन से भरी फिल्म 'किल ' 05 जुलाई को सिनेमाघरों में रीलीज हो रही है। निखिल नागेश भट्ट द्वारा लिखित और निर्देशित इस फिल्म के निर्माता करण जौहर और गुनीत मोंगा हैं। धर्मा प्रोडक्शंस के बैनर तले बनी इस फिल्म की विलक्षण कहानी का एक्शन भी नेक्स्ट लेवल का है ।
कहानी
फिल्म की कहानी कमांडो अमृत की है जिसकी प्रेमिका है तुलिका । तुलिका की शादी उसके घरवाले उसकी मर्जी के खिलाफ करने जा रहे हैं और जिसका पता कमांडो अमृत को चलता है और वो इस शादी को रोकने के लिए निकल पड़ता है। लेकिन जिस ट्रेन में वह आ रहा है उसमें गुंडे चढ़ जाते हैं और यात्रिओं से बदतमीजी करने लगते हैं । कमांडो अमृत इस का विरोध करता है और अपनी जान के प्रवाह किये बगैर वे यात्रिओं की जान बचाने के लिए गुंडों से भिड़ जाते हैं । तुलिका की शादी रोकने में क्या कमांडो अमृत सफल होंगे या उनके जीवन में कुछ और घटित होने वाला है । इन सब प्रश्नों के जवाब आपको फिल्म देखने पर पता चलेंगे जो 05 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है ।
एक्टिंग
कमांडो अमृत का किरदार एक्टर लक्ष्य ने निभाया है । टीवी सीरियल 'प्यार तूने क्या किया; और 'परदेस में है मेरा दिल 'से शोहरत बटोरने वाले लक्ष्य ने धर्मा प्रोडक्शंस के तहत ही दोस्ताना 2 से फिल्मों में डेब्यू किया। कमांडो अमृत का किरदार उन्होंने बखूबी निभाया है और एक्सप्रेशंस भी शानदार दिए हैं। तुलिका की भूमिका अभिनेत्री तान्या मानिकतला ने निभाई है, वे दिखने में जितनी खूबसूरत हैं उतनी ही एक्टिंग भी जबरदस्त की है। वे एक अनुभवी एक्ट्रेस हैं और फ्लेम्स, सूटेबल बॉय, टूथपरि और मुम्बईकर आदि फिल्मों में एक्टिंग का लोहा मनवा चुकी हैं। वे सभी तरह के एक्सप्रेशन खूसूरति से व्यक्त करती हैं । एबीसीडी से फ़िल्मी सफर की शुरआत करने वाली राघव जुआल ने इस फिल्म में नेगेटिव रोल निभाया है। उन्होंने गुंडों के लीडर फानी का किरदार निभाया है। नेगेटिव रोल में उन्होंने शानदार एक्टिंग कर गहरी छाप छोड़ी है। एक्शन में भी कमाल किया है। बाकी कलाकारों ने भी अपने अपने किरदार बखूबी निभाए हैं और फिल्म को पूरी तरह से सपोर्ट किया है।
डायरेक्शन
अपूर्वा, ब्रिज मोहन अमर रहे और हुड़दंग जैसी शानदार फिल्में बनाने वाले निखिल नागेश भट्ट ने एक रोचक और विलक्षण कहानी लिखी है और इस कहानी को बड़ी ही खूबसूरती के साथ परदे पर सजीव किया है। कहानी के मुख्य तत्व एक्शन और थ्रिल को ध्यान में रखते हुए निर्देशक ने कोई भी सीन ऐसा छोड़ा है, जो दर्शक को इधर उधर जाने का मौका दे। फिल्म अंत तक दर्शकों को सीटों से चिपके रहने पर मजबूर कर देती है । निर्देशक ने अपने सभी कलकारों से बेहतरीन काम लिया है और एडिटिंग भी सटीक। डायलाग भी शानदार हैं। एक्शन बार बहुत ज्यादा काम किया गया है और यह नेक्स्ट लेवल का है।
म्यूजिक
फिल्म में संगीत विक्रम मोन्ट्रोस और शाश्वत सचदेव ने दिया है। बैकग्राउंड म्यूजिक कहानी के साथ तारतम्य स्थापित करता है और अच्छा लगता है। मनोरंजन में एक्शन और थ्रिल दो ऐसे तत्व हैं जिनसे ऑडियंस कभी बोर नहीं होती और हमेशा ही इस जॉनर में बनी फिल्मों के इंतज़ार में रहती है । ऐसी ऑडियंस के लिए यह फिल्म किसी ट्रीट से कम नहीं। फिल्म सम्पूर्ण पारिवारिक मनोरंजन फिल्म है जिसे अपनी फैमिली के साथ बैठकर आनंद लिया जा सकता है ।