राज कपूर की 100वीं जयंती पर दादाजी को याद कर इमोशनल हुए रणबीर और रिद्धिमा कपूर

Edited By Rahul Rana, Updated: 14 Dec, 2024 06:13 PM

ranbir and riddhima kapoor get emotional remembering grandfather

दिग्गज अभिनेता राज कपूर की 100वीं जयंती पर रणबीर और रिद्धिमा कपूर ने अपने बचपन की प्यारी यादें साझा की, जब वह अपने दादाजी से कैरेमल टॉफियां पाने के लिए गाने गाते थे। राज कपूर का योगदान हिंदी सिनेमा में अतुलनीय है और उनकी यादें आज भी परिवार और फैंस...

बाॅलीवुड तड़का : दिग्गज अभिनेता राज कपूर को हिंदी सिनेमा का शोमैन माना जाता है। वह फिल्म जगत के एक महान अभिनेता, निर्देशक और निर्माता थे, जिन्होंने अपनी फिल्मों से लाखों दर्शकों का दिल जीता। लेकिन उनके लिए, रणबीर कपूर और उनकी बहन रिद्धिमा कपूर साहनी के लिए वह सिर्फ एक बड़े नाम वाले फिल्मी स्टार नहीं, बल्कि एक प्यारे दादा थे। राज कपूर अपने पोते-पोतियों से बहुत प्यार करते थे और उन्हें अपने गालों पर किस करने के बदले में कैरेमल टॉफियां देने का लालच देते थे।

राज कपूर की 14 दिसंबर को 100वीं जयंती मनाई जा रही है। उन्होंने अपने 40 साल के करियर में ‘आवारा’, ‘बरसात’, ‘श्री 420’, ‘मेरा नाम जोकर’, ‘सत्यम शिवम सुंदरम’, और ‘राम तेरी गंगा मैली’ जैसी मशहूर फिल्मों में अभिनय और निर्देशन किया था। ये फिल्में आज भी दर्शकों के दिलों में जिंदा हैं।

रिद्धिमा कपूर साहनी ने अपने दादाजी को याद करते हुए कहा कि वह हमेशा एक स्नेही और प्यारे इंसान थे, जो अपने पोते-पोतियों को बहुत प्यार करते थे। रिद्धिमा जब सिर्फ सात साल की थीं, तब राज कपूर का निधन हो गया था। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया, 'हम अक्सर दादाजी के कमरे में जाते थे और उनके फ्रिज को खंगालते थे, क्योंकि वहां हमें चॉकलेट्स और अन्य स्वादिष्ट चीजें मिलती थीं।'

रणबीर कपूर ने भी दादाजी के साथ अपने बचपन के पल साझा किए। वह कहते हैं कि उन्होंने अपने दादाजी को 'नीली आंखों वाले बड़े आदमी' के रूप में पहचाना। रणबीर ने यह भी बताया कि जब वे दादाजी के घर जाते थे, तो वह उन्हें अपने कमरे में ले जाते थे और वहां हमेशा कैरेमल टॉफियां रखते थे। फिर वह अपने पोते-पोतियों को एक कतार में खड़ा करते थे और कहते थे कि उन्हें उनकी फिल्म ‘आवारा’ का गाना ‘आवारा हूं’ गाना है और दादाजी के गाल पर किस करने के बाद टॉफियां मिलेंगी।

रणबीर ने आगे कहा कि जब उन्होंने सिनेमा को समझना शुरू किया और अपने दादाजी के योगदान के बारे में जाना, तो वह उन्हें और भी ज्यादा सम्मान करने लगे। राज कपूर की तरह ही उनके अन्य दो पोतों की आंखें भी नीली थीं।

राज कपूर का निधन 2 जून 1988 को अस्थमा की बीमारी के कारण हुआ था। उन्होंने 63 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। उनके योगदान और फिल्मों की धरोहर आज भी जिंदा है।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!